महत्वाकांक्षी जय भीम शॉर्ट वीडियो ऐप का गणतंत्र दिवस के मौक़े पर भारतीय सोशल मीडिया बाज़ार में एक सफल आग़ाज़ हुआ। जय भीम ऐप के संस्थापक गिरीश वानखेड़े द्वारा मुंबई में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में पद्मश्री अभिनेता मनोज बाजपेयी के हाथों इस ऐप का अनावरण हुआ।
जय भीम ऐप एक शॉर्ट वीडियो ऐप है जहां लोग अपने हुनर को साझा करने के साथ-साथ बहुत कुछ सिख भी सकते है। जय भीम ऐप एक मेक इन इंडिया के उद्देश्य के तहत बना भारतीय ऐप है।
बुधवार को मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा, "इस तरह के एक महत्वपूर्ण क्षण का हिस्सा बनना एक विशेषाधिकार और सम्मान की बात है। यह ऐप हमारी प्रतिभाओं के लिए एक वरदान साबित होने जा रहा है, विशेष रूप से छोटे क़स्बों और शहरों के लोगों के लिए यह ऐप एक कमाई साधन भी है और हम सभी जानते हैं कि बहुत सारी प्रतिभाएँ हैं जो अभी भी अवसरों की कमी के कारण पीड़ित हैं। मेरा मानना है कि जय भीम ऐप अवसरों से वांछित लोगों के लिए एक मिल के पत्थर के रूप में कारगर साबित होगा। आजकल शॉर्ट विडीओ कांटेंट देश में हर जगह चर्चा का विषय है और जय भीम ऐप पर देश और विदेश में कहीं से भी हर कोई इसमें भाग ले सकता है। इसके अलावा, यह ऐप आपको अपनी प्रतिभा में महारत हासिल करने और संभवतः आपको बॉलीवुड उद्योग में खुद को साबित करने में मदद करेगा। इसलिए, मेरा सुझाव है कि लोगों को जय भीम ऐप से जुड़ना चाहिए और जल्द ही अपनी उद्यमशीलता की यात्रा की शुरुआत करनी चाहिए। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं।”
जय भीम ऐप के संस्थापक गिरीश वानखेड़े ने ऐप बनाने के पीछे का विचार साझा करते हुए कहा, "हम बहुत सारे विदेशी ऐप को अपने देश से पैसा बनाते और जाते हुए देख रहे हैं। साथ ही, मैंने कई उद्योग विशेषज्ञों से एक बड़ी शिकायत सुनी कि स्थानीय कंटेंट क्रिएटर्स को संदिग्ध रूप से वायरल होने से वांछित रखा जाता है। इस शिकायत ने मुझमें जोश जगाया और यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया की यदि हमारी स्थानीय प्रतिभाओं को अपनी पहचान बनाने के अवसर के साथ मदद करने के उद्देश्य से एक समान ऐप बनाई जाए, और वहां से जय भीम ऐप का निर्माण शुरू हुआ। इस ऐप के साथ, हमारे युवा न केवल अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं बल्कि अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन से हमारी मोनेटाईज़ विशेषता के साथ एक उद्यमशील यात्रा में खुद को सशक्त भी बना सकते है। मुझे यक़ीन है की इसके माध्यम से वे अपनी क्षमता को उजागर करने में सक्षम होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, "मैं सौभाग्यशाली था कि मुझे समाज से अपार समर्थन मिला। जिस तरह से हम नाम के रूप में जय भीम के साथ आए जय भीम नाम में भाईचारा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है जो बाबासाहेब अम्बेडकर ने हमें सिखाया था। व्यापक रूप से एक सर्वेक्षण किया गया जहां हमने नाम का सुझाव मांगा और देश भर के लोगों ने जय भीम को ही चुना।"